बुद्ध गाथा

बुद्ध गाथा
बुद्ध गाथा
बुद्ध की जीवन गाथा, सिखाए स्नेह का पाठ, 
ध्यान और ज्ञान की दुनिया, छेड़ी वह अनुपम राग।
शाक्य कुल में जन्मे, सज्जन कुल के नाथ, 
धर्म और साधना की राह, छोड़ी सांसारिक जात।
सुख और समृद्धि से परे, खोजी अंतर्मन की बात, 
सांसारिक बंधनों से मुक्त, पाया बुद्ध ने नया साथ।
अलाप हो गया वियोग का, त्यागा उसने सब दान, 
साधना की कठोर राह पर, बढ़े ध्यान और ध्यान।
निष्कलंक बुद्धि की कृपा, फैला सबको ज्ञान, 
संसार की हर कठिनाई में, पंचषील से मिले समाधान।
शांति की उपदेश पर, जगा मन के भीतर शांति, 
सच्ची आस्था और प्रेम से, मिटा सभी भ्रांति।
समर्पण और दया में, था उसका अमूल्य पाठ, 
सत्य की खोज में संग चलें, भिक्खू संघ का साथ। 
मुक्ति का मार्ग दिखाया, संसार की बुनाई को, 
बुद्ध के जीवन और विचार, सिखाते अमर राह को। 
(कपिल बौद्ध)
दिनांक 15-09-2024
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