ईश्वर और हथियार (god and weapons) तर्क संगत विषय है जिस पर किसी भी सामान्य व्यक्ति का ध्यान नहीं जाता | क्योंकि बचपन से ही ईश्वर के प्रति तरह तरह की कहानियों को सुनाकर डरा दिया जाता है कुछ कहानियाँ तो इतनी डरावनी होती है कि आजीवन तक मानव मस्तिष्क (human brain) में घर कर जाती है ऐसे में किसी भी सामान्य व्यक्ति के मस्तिष्क में ऐसे प्रश्न ना आना स्वाभाविक है जैसे ईश्वर ने हथियार क्यों धारण किए, “ईश्वर को हथियारों की क्या आवश्यकता है?”, दुनिया के विभिन्न देशों में विभिन्न भाषाओं मैं जिसको भी ईश्वर माना जाता है या बोला जाता है किसी के भी पास हथियार नहीं मिलते हैं भारत में एक मात्र हिंदू धर्म है जहाँ बिना हथियार के एक भी देवी देवता नहीं मिलता है हिंदू धर्म के देवी देवता बिना हथियारों के अधूरे हैं | किसी भी देवी देवता या भगवान को बिना हथियारों के कल्पना करना बड़ा ही मुश्किल है ऐसे में ईश्वर और हथियार जैसे प्रश्न का उठना लाज़मी है |
हथियार (Weapons)
किसी भी हथियार का प्रयोग केवल दो प्रकार के कार्यों में लिया जाता है –
1. आत्मरक्षा/सुरक्षा/बचाव आदि के लिए |
2. किसी को मारने/घायल/अघात आदि के लिए |
भगवान/ईश्वर /GOD
संसार का संचालन करने वाला या सृष्टि की रचना करने वाला, जो सर्वोच्च शक्तिमान (supreme power) हो उसे दुनिया भर में भगवान/ईश्वर/गॉड/अल्लाह आदि के नाम से जाना जाता है।
ईश्वर को रक्षा की आवश्यकता (God needs protection)
कोई भी व्यक्ति किसी भी हथियार को अपने पास उपरोक्त दो प्रकार के लिये ही अपने पास रखता है इसका सीधा अर्थ यह होता है कि किसी भी धर्म में किसी भी ईश्वर के पास किसी भी रूप में यदि हथियार पाया जाता है तो उसका उद्देश्य भी मात्र यही होना चाहिए कि आत्मरक्षा के लिए या फिर किसी को मारने के लिए। तब यहाँ एक प्रश्न खड़ा होता है कि यदि हथियार का प्रयोग केवल रक्षा करने या मारने के लिए किया जाता है तो हिंदू धर्म के सभी देवी, देवताओं, भगवानों, ईश्वर के हाथों में जो हथियार है वो किस्से रक्षा के लिए, अपने पास धारण किए हुए हैं क्या ईश्वर को किसी देवी देवताओं को किसी से किसी प्रकार का कोई डर है?, या जानमाल का डर है, या अन्य किसी प्रकार का कोई डर है, क्योंकि वो खुद भगवान या ईश्वर है तो क्या ईश्वर को भी रक्षा की आवश्यकता होती है?
ईश्वर किसको मारना चाहता है? (Who does God want to kill?)
यदि ईष्वर को किसी से डर नही लगता तो क्या देवी देवता, भगवान, ईश्वर ने जो हथियार धारण किए हैं क्या किसी को मारने के लिए धारण किए हैं? और यदि किसी को मारने के लिए किए हैं तो किस को मारने के लिए किए हैं इंसान को, जानवर को या किसी अन्य जीव जंतु को, या ऐसी कोई शक्ति जो इनके अलावा पृथ्वी पर है जिसका न कोई अस्तित्व है ना कोई प्रमाण है ना कोई रूप है ना कोई आकार है और यदि ऐसा है तो उस पर हथियार का क्या कोई प्रयोग हो पाना सफल है? क्या ईश्वर ने इन हथियारों का इस्तेमाल हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार किसी इंसान, राक्षस, अधर्मी या किसी पापी को मारने हेतु अपने पास रखें हैं?
ईश्वर का अवतार भारत में ही क्यों? (Why is God's incarnation in India only?)
तब समझ में ये आता है कि शायद ईश्वर इंसान को मारने के लिए तो इनका प्रयोग नहीं कर सकता। इसका मतलब ईश्वर ने उनको धारण करके इसलिए रखा है कि ताकि राक्षस, अधर्मी, पापी, दैत्य दानव (demon, unrighteous, sinner, demon) आदि को मार सकें। लेकिन कौन से राक्षस, दानव, दैत्य, अधर्मी, पापी को?, ये कहाँ पाए जाते हैं?, पृथ्वी पर किस देश में रहते हैं? किस वेश-भूसा में रहते है? इनकी प्रजाति, इनके कबीले, इनके गांव, शहर कहाँ पाए जाते हैं? क्या भारत में पाए जाते हैं और अगर भारत में पाए जाते हैं तो कहाँ पाए जाते हैं? क्या भारत से बाहर पाए जाते हैं अगर भारत से बाहर पाए जाते हैं तो कहाँ पाए जाते हैं? और अगर भारत से बाहर पाए जाते हैं तो सभी देवी-देवताओं ने भारत में क्यों अवतार लिया अन्य अन्य जगहों पर क्यों अवतार नहीं लिया?
ईश्वर ने स्वयं के हथियार क्यों नहीं बनाये? (Why didn't God make his own weapons?)
भगवान, ईश्वर, देवी-देवताओं के हाथों में जो हथियार (weapons) जैसे भाला, त्रिशूल, गदा, तीर, ढाल, चक्र, तलवार, धनुष, फरसा आदि जैसे हथियार तो इंसानो ने इजाद किए हैं। क्या ईश्वर इंसानो द्वारा इजाद की हुई चीजों को अपने पास धारण करता है? ईश्वर ने अपने स्वयं के हथियार क्यों नहीं बनाये? उसको मानव द्वारा निर्मित हथियारों की क्या आवश्यकता पड़ी, क्या ईश्वर हथियारों का इजाद नहीं कर सकता? यदि कर सकता है तो क्यों नहीं करता? क्योंकि इंसान इस धरती पर एक तुच्छ प्राणी हैं जिसके न जीवन का पता है ना मरण का। वह तोप मिसाइल, राइफल, मशीन, ग्रेनाइट बम और अन्य न जाने कितने आधुनिक हथियार (modern weapons) का आविष्कार कर चुका, तो फिर ईश्वर क्यों नहीं करता?
ईश्वर के पास आधुनिक हथियारों का अभाव (God lacks modern weapons)
शायद बहुत सारे लोगों को यह ज्ञात नहीं है कि भारत के इतिहास को तीन भागों में बांटा गया है नंबर एक प्राचीन कालीन इतिहास, नंबर दो मध्यकालीन इतिहास और नंबर तीन आधुनिक कालीन इतिहास। बहुत सारे लोगों को यह ज्ञात नहीं होगा की नंबर तीन पर आधुनिक कालीन इतिहास को इतिहासकारों ने आधुनिक कालीन इतिहास (modern history) क्यों कहा। लगभग सोलवी ईवीं के प्रारंभ में जब अंग्रेज भारत में आए तो वह भारत में विभिन्न प्रकार के आधुनिक सामान, उपकरण या जरूरत की आवश्यक चीजो को अपने साथ लेकर भारत में आए। ऐसी चीजें भारत में पहले कभी देखी नहीं गयी थी उसको अंग्रेजों द्वारा भारत में लाया गया जो सभी के लिए आश्चर्यजनक था इसलिए उन सभी चीजों को आधुनिक कहा गया इसीलिए इतिहासकारों ने उस समय से लेकर, वर्तमान समय तक के इतिहास को आधुनिक कालीन इतिहास कहा। क्योकि अंग्रेजो के भारत आने तक हिन्दू धर्म ग्रन्थों को लिखा गया था उसके बाद आधुनिकता और शिक्षा ने हमारे देश में जन्म लिया, जिसके कारण सभी देवी-देवताओं (gods and goddesses) का धरती पर अवतार लेना बन्द हो गया। ईष्वर और भगवान ने मानव द्वारा निर्मित हथियारों को ही अपने पास सीमित रखा।
ईष्वर ने अपनी भाषा और लिपि क्यों नही बनाई? (Why didn't God create his own language and script?)
भाषा और लिपिः (language and script) दुनिया की सारी भाषा और लीपियॉ मानव ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने, कहने, सुनने और लिखने के लिए इजाद की। जिससे दुनिया भर के सभी इंसान अपनी अपनी भाषा और लीपियों में अपनी आपनी बातों और भावनाओं को व्यक्त करते हैं इसीलिए गॉड अंग्रेजी भाषा का शब्द तथा रोमन लिपि (Roman Lipi) में लिखा जाता है, ईश्वर और भगवान हिन्दी भाषा में, देवनागरी लिपि (devnagri lipi) में लिखा जाता है ठीक इसी प्रकार दुनिया भर की अलग अलग भाषाओं और लिपियों में गॉड ईश्वर भगवान आदि लिखा जाता है। जिसे इंसान दुनिया का संचालक कहता है इस सृष्टि को चलाने वाला कहता है उसने अपनी भाषा और लिपि का इजाद क्यों नहीं किया? और यदि किया है तो ईश्वर ने अपनी भाषा और लिपि में खुद को क्या कहा और लिखा ?
(कपिल बौद्ध)
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