बुद्ध विष्णु के अवतार क्यों नहीं ? (Why is Buddha not an incarnation of Vishnu?)

बुद्ध विष्णु के अवतार क्यों नहीं?

धर्मो का तुलनात्मक अध्ययन - बुद्ध विष्णु के अवतार क्यों नहीं ?

  • हिंदू धर्म (Hindu religion) के सभी देवी-देवताओं के अवतारों के हाथों में हथियार (Weapon) मिलते हैं जबकि बुद्ध (Buddha ) ने आजीवन हथियार नहीं उठाया इसलिये बुद्ध की किसी भी मूर्ति/फोटो में हथियार नही मिलता है।
  • बुद्ध “मानवता” को सर्वोपरि रखते हैं जबकि हिंदू धर्म मार-काट हिंसा (Violence) को सर्वोपरि रखता है।
  • बुद्ध ने अपने आप को कभी अवतार (Avatar) नहीं माना और बौद्ध धर्म के अनुसार अवतार नहीं होते हैं। किन्तु हिंदू धर्म में अवतार वाद की धारणा है।
  • बुद्ध आजीवन पैदल चलें दुनिया भर में धम्म (Dhamma) को फैालाया, जबकि हिंदू धर्म के अवतार बिना “जानवरों” के एक कदम भी नहीं चले और मात्र ‘भारत की सीमाओं’ तक सीमट कर रह गयें।
  • केवल हिन्दू धर्म ग्रन्थों (Hindu religious texts) और उनके मानने वालो के अनुसार ही बुद्ध विष्णु के अवतार हुऐ हैं। जबकी अन्य धर्म व बौद्ध के अनुयायी बुद्ध को विष्णु का अवतार नही मानते।
  • हिंदू धर्म के सभी अवतारों में अपने सभी अवतारों के लिये कोई न कोई वाहन (Vehicle) बनाया है जबकि बुद्ध का कोई अपना वाहन नहीं है ।
  • हिंदू धर्म के सभी देवी-देवता अवतार हुए, जबकि बुद्ध ने बायोलॉजिकल (Biologicals) जन्म लिया है।
  • हिन्दू धर्म अवतार चमत्कार (Miracle), स्वर्ग (Heaven) , नरक (Hell), अंधविश्वास (Superstition), पाखंड (Hypocrisy) की बात करता है जबकि बौद्ध धम्म परिश्रम, चार आर्य सत्य, शील, प्रज्ञा, करूणा और “अप्प दीपो भव” (अपना दीपक स्वयं बनो) की बात करता है।

पुरात्तविक साक्ष्य

  • भारतीय पुरातत्व विभाग (Indian Archaeological Department) को वर्तमान समय तक मिले किसी भी शिलालेख (Inscription), अभिलेख (Record) में कहीं भी ये लिखा नहीं मिला, कि बुद्ध विष्णु के अवतार थे।
  • सबसे बड़े बुद्धिष्ट राजा सम्राट अशोक (Samrat Ashok) ने अपने द्वारा निर्मित 84,000 शिला लेखों में कहीं भी यह नहीं लिखा की ”बुद्ध” (Buddha) भगवान है और विष्णु के अवतार हैं।
  • चीनी यात्री फाहियान, हृेनसॉन्ग, इत्सिंग आदि यात्रियों ने भारत में रहकर “बौद्ध धर्म” (buddha dhamma) का अध्ययन किया, 10 वर्ष, 15 वर्ष बौद्ध विहार में बौद्ध धम्म की दीक्षा ली, लेकिन किसी भी यात्रि ने अपने यात्रा वृतांत (Travelogue) में कहीं भी बुद्ध को विष्णु का अवतार का वर्णन नहीं बताया।
  •  बुद्ध का जिक्र विष्णु पुराण, वाराह पुराण, स्कंद पुराण, भागवत पुराण, गरुण पुराण, अग्निपुराण, लिंगपुराण, पद्मपुराण आदि में मिलता है लेकिन किसी भी पुराण में ‘बुद्ध का वास्तविक नाम’ नहीं आया है।
  •  बुद्ध का जिक्र, हिन्दू धर्म ग्रन्थों में आना, इस बात का साक्ष्य है कि “हिन्दू धर्म ग्रन्थ बुद्ध के बाद लिखे गये”

डॉक्टर अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञा

डॉक्टर अंबेडकर (Dr Ambedkar) अपनी पवित्र 22 प्रतिज्ञा में पहली पांच प्रतिज्ञाओं में ईश्वर को न मानने की शपथ (Oath) लेते हैं जो निम्न हैं –
1. मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कोई विश्वास नहीं करूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा।
2. मैं राम और कृष्ण जो भगवान (God) के अवतार Avatar) माने जाते हैं में कोई आस्था नहीं रखूँगा और ना ही मैं उनकी पूजा करूँगा।
3. मैं गौरी गणपति और हिंदुओं के अन्य देवी देवताओं में आस्था नहीं रखूँगा और ना ही मैं उनकी पूजा करूँगा।
4. मैं भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करता हूँ।
5. “मैं यह नहीं मानता और न कभी मानूंगा की भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे” मैं इसे पागलपन (Madness) और झूठा प्रचार (false propaganda) प्रसार मानता हूँ।

तर्क संगत प्रश्न

हिंदू धर्म के अनुसार बुद्ध विष्णु के 09 वें अवतार हैं तो फिर

  1. यदि तथागत गौतम बुद्ध विष्णु के अवतार थे तो ब्रह्मणों (Brahmins) ने उनके खिलाफ हिंसात्मक आंदोलन (Violent Movements) क्यों चलाया ?
  2. यदि तथागत गौतम बुद्ध (Tathagat Gautam Buddha) विष्णु (Vishnu) के अवतार थे तो हिन्दुओं (ब्रह्मण, क्षत्रियों, वैश्यो) ने बुद्धिज्म के पतन को क्यों नही रोका ?
  3. यदि तथागत गौतम बुद्ध विष्णु के अवतार थे तो उनकी ‘शिक्षाओ के प्रचार प्रसार’ मे हिन्दुओं ने अपना अमूल्य योगदान क्यों नही दिया ?
  4. यदि तथागत गौतम बुद्ध विष्णु के अवतार थे तो हिन्दु धर्म के ग्रंथ “संस्कृत भाषा” (Sanskrit Language) मे क्यों लिखे है? “पाली भाषा” (Paali Language) मे क्यों नही लिखे, जबकि तथागत गौतम बुद्ध की भाषा तो “पाली प्राकृत” थी। लेकिन हिन्दू धर्म ग्रंथो मे पाली भाषा का कही कोई जिक्र तक नही मिलता ।
  5. यदि तथागत गौतम बुद्ध विष्णु (Vishnu) के अवतार थे तो जो लोग हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धम्म को स्वीकार करते है। तो हिंदू खुश होने की बजाय उनका विरोध (Oppose) क्यों करता है ?
  6. हिंदू धर्म के धार्मिक ग्रंथों में बुद्ध क्यों नहीं मिलते ?
  7. हिंदू धर्म में बुद्ध का मंदिर (Buddha’s Temple) क्यों नहीं मिलते और क्यों नहीं पूजते ?
  8. हिंदू धर्म बुद्ध और उनके विचारो को साथ लेकर क्यों नहीं चलता ? हिंदू धर्म के ठेकेदारों ने बुद्ध के लिए कोई भी पुराण, उपनिषद, चालिसा आदि ग्रन्थों की रचना क्यों नही की ?
  9. हिंदू धर्म के धर्म ग्रंथों (religious texts of Hinduism) में बुद्ध के प्रति नफरत (Hate) को क्यों दर्शाया गया ?

निष्कर्ष

  • सच्चाई यह है की जब तथागत गौतम बुद्ध की शिक्षाओ को जम्भुदीप (सम्पूर्ण अखंड भारत) के लोग मानने लगे और हिंदू धर्म छोड़ने लगे तो हिन्दुओं की धर्म के नाम पर चलने वाली रोजी रोटी बंद होने लगी तो बहुजन समाज के लोगो को दिगभ्रमित करने के लिए, की कही यह हमसे अलग ना हो जाए यदि यह हमसे अलग  हो गये तो फिर हमारी ‘गुलामी’ कौन करेगा ? इस बात का हिन्दुओं को डर सताने लगा था इसलिए उन्होंने यह भ्रमजाल (web of confusion) फैलाया की बुद्ध विष्णु के अवतार है।
  • जबकि बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर (Baba Shaheb Dr. Ambedkar) तो यह दावे के साथ कहते है, की भारत का इतिहास (History of India) “ब्राह्मण वाद और बुद्धिज्म के बीच का संघर्ष के अलावा कुछ नही है”। बुद्ध के समय से ही यह संघर्ष चलता आ रहा है। और आज भी निरंतर चल ही रहा है। यह संघर्ष  तब ही खत्म होगा जब हम हिंदू धर्म और हिंदू धर्म से उतपन्न ब्राह्मण वाद और  मनुवाद को जड़मूल से खत्म कर देंगे।
 
(कपिल  बौद्ध)  

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