भारत में मुस्लिमों का योगदान - मुस्लिमों द्वारा दिये गए मुख्य नारे व श्लोगन -
- ”अंग्रेजों भारत छोड़ो” का नारा “यूसुफ मेहरअली अली“ ने दिया था।
- ”सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा” का नारा “अल्लामा इकबाल“ ने लिखा था।
- ”जय हिंद” का नारा “आबिद हसन सफरानी“ ने दिया था।
- ”मादरे वतन भारत की जय” का नारा सन 1857 में “अजीज उल्ला खान“ ने दिया था।
- ”इनकलाब जिंदाबाद” का नारा “हसरत मोहानी साहब“ ने दिया था।
- ”सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” इसे 1921 में ”बिस्मिल अजीमाबादी” ने लिखा था।
- भारतीय ”राष्ट्रगान” को हिंदी व उर्दू भाषा में ”कैप्टन आबिद अली” ने बांग्ला व संस्कृत भाषा से अनुवाद किया था जिसे सुभाष चंद्र बोस ने करवाया था।
- ”वंदे मातरम्” गीत को पहली बार ”अरविंदो घोष” अंग्रेजी भाषा में और ”आरिफ मोहम्मद खान” ने उर्दू भाषा में अनुवाद किया था।
- श्रीमति ”सुरैय्या तैयब्बा” जी वही मुस्लिम महिला हैं जिन्होंने तिरंगे झंडे का डिजाइन तैयार किया था।
- ”यूसुफ मेहर अली” ने ‘क्विट इंडिया’ (Quit India) का नारा दिया था इसके अलावा साइमन का विरोध करते हुए उन्होंने ”साइमन गो बेक” का नारा भेज दिया था।
मुस्लिमो का भारत की आजादी में सहयोग -
- 1 अगस्त 1925 की शाम काकोरी स्टेशन कांड में ब्रिटिश सरकार की हथियारों से भरी ट्रेन डकैती को अंजाम देने में ”अशफाक उल्ला खान” का अहम योगदान था।
- भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के सात सदस्यों में से एक “मोहम्मद सादुल्ला“ थे। जिन्होने सविंधान बनाने में अपना अहम योगदान दिया था।
- भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 में अंग्रेजो के विरूद्व लडाई का नेतृत्व ”बहादुर शाह जफर” ने किया था।
- “अजी मुल्ला खान“ ने एक राष्ट्र गीत लिखा था जिसकी लाइनें इस प्रकार थी –
”इसकी रूहानियत से रोशन है जग सारा, ऊपर बर्फीला पर्वत पहरेदार हमारा”। - प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (First Freedom Fight) 10 मई 1857 की क्रान्ति में 84 शहीदों में से 48 मुसलमान थे।
- “सैयद अलाउद्दीन हैदर“ ने 300 लोगों का एक दल तैयार कर अंग्रेजों से लोहा लिया था।
- “आदिम अजमल खान“ ने आजादी के आंदोलन में महात्मा गाँधी का सबसे ज्यादा साथ दिया था और गाँधी को महात्मा शब्द से उन्होंने ही नवाजा था।
- महाराष्ट्र चुनाव में डाॅ0 बी.आर. अम्बेडकर को चुनाव लडने के लिये सभा करने के लिये जमीन व आर्थिक रूप से मद्द करने वाले “मौलाना हसरत मोहानी साहब“ थे।
- 1946 में डॉक्टर अंबेडकर को बंगाल के मुस्लिम लीग ने चुनाव लड़वाया था और जितवाकर संविधान सभा में भेजा था
- भारत की धरती पर पहली बार महिलाओं के लिये विद्यालय बनाने के लिये जमीन देने वाले “मो0 उसमान शेख“ थे
- शहीद भगत सिंह का पक्ष बिजनौर के प्रसिद्ध वकील ”आसिफ अली” ने रखा था।
- ”मीर उस्मान अली” हैदराबाद के नवाब ने 1965 की लड़ाई में पांच टन सोना दिया था इसके अलावा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को करोड़ रुपए दान दिये थे।
- भारत में प्रथम महिला मुस्लिम अध्यापिका “फातिमा शेख“ थी जिन्होने माता सवित्री बाई फुले के साथ मिलकर पहला विद्यालय खोला था जिसकी जमीन फातिमा शेख के बडे भाई मो0 उसमान शेख ने दी थी।
- “मौलाना हसरत मोहानी साहब“ प्रत्येक वर्ष बाबा साहब डाॅ0 बी.आर. अम्बेडकर को अपने यहां रमजान के पवित्र माह में ”रोजा इफतार” के लिये बुलाते थे।
- जब महात्मा गाॅधी ने मुस्लिमों को भडकाकर डाॅ0 बी.आर. अम्बेडकर को लंदन के गोलमेज सम्मेलन में जाने से रोकने को प्रयास किया तब “आगर खान साहब“ द्वारा गाॅधी को इंकार करते हुए मना कर दिया गया।
भारत के इतिहास में मुस्लिमो द्वारा संघर्ष -
- ”शेर खान अफरीदी” वो शेर है जिसने 8 फरवरी 1872 को अंग्रेज अफसर वॉइस राय को चाकू मारकर मौत के घाट उतारा था।
- “ए.पी.जे. अब्दुल कलाम“ भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 007 तक रहा। उन्हे पूरी दुनिया मिसाइल मैन के नाम से जानती है।
- 1857 की क्रांति में “पीर अली खान“ व “बख्त खान“ जैसे बहुत सारे क्रांतिकारी योद्धाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया था जिसमें ”पीर अली खान” ने अंग्रेजों के खिलाफ लडने के लिये 50 से ज्यादा बंदूकों का इंतजाम किया था।
- “बेगम हजरत महल“ अवध (लखनऊ) के “नवाब वाजिद अली शाह“ की पत्नी थी अंग्रेजों द्वारा नवाब वाजिद अली शाह को बंगाल से निर्वासित (अर्थात निकालने) करने पर बेगम हजरत महल ने 1857 की क्रांति में अवध की बागडोर संभाली थी।
- “तुर्रेबाज खान“ को काले पानी की सजा के समय उन्हें गोली मार दी गई उसके बाद उन्हें हैदराबाद लाया गया और उन्हें फिर से फांसी पर चढ़ा दिया गया।
- “मौलवी अहमद दुल्लाह शाह“ द्वारा अंग्रेजों का विरोध करने पर ₹50,000 का इनाम रखा तथा अंग्रेजों ने उन्हें भी फांसी पर लटका दिया था।
- 1857 में लखनऊ में दारूमउल देवबंद मस्जिद की स्थापना की गई थी इसकी स्थापना “मोहम्मद कासिम ननोतवी, फजलुर हमान उस्मानी व सैयद मोहम्मद आबिद“ ने मिलकर की थी इसका मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिए क्रांतिकारी तैयार करना था।
- 1757 के बाद सबसे पहले “मौलाना हुसैन अहमद मदनी“ ने फतवा जारी कर अंग्रेजों की सेना में शामिल होना या उनकी गुलामी करना हराम बताया था अंग्रेजों के कोर्ट में भी उन्होंने अपने फतवे को दोहराया था जिसके लिए उन्हें दंडित किया गया।
- 1772 में “शाह अब्दुल अजीज“ ने अंग्रेजों के खिलाफ फतवा जारी कर भारतीयों के दिलों में आजादी की लो जगायी, उन्होंने कहा कि हमें अंग्रेजों को भारत से भगाना होगा।
- मैसूर के सुल्तान “हैदर अली“ व उनके बेटे “टीपू सुल्तान“ हमेशा अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते रहे। टीपू सुल्तान ने अपने राज्य में पहली बार महिलाओं को घुटनों से नीचे कपड़े पहनने का अधिकार दिया था।
- काले पानी की सजा काटने वालों में सबसे ज्यादा मुसलमान थे।
भारत में मुस्लिम आन्दोलन -
- 1919 में “रोबल एक्ट“ के विरोध में जलियांवाला बाग कांड में मरने वालों में बहुत सारे लोग मुसलमान थे जलियांवाला बाग में गोली चलाने का ऑर्डर देने वाले जनरल डायर थे।
- 1921 में केरल के “मोपला विद्रोह“ में सैकड़ों की संख्या में मुसलमान वीरगति को प्राप्त हुए थे।
- सन् 1919 में “सौकत अली“ और “मोहम्मद अली“ ने खिलाफत मूवमेंट की शुरुआत की थी।
- “मोहम्मद अली जौहर“ व “मौलाना अबुल कलाम आजाद“ ने ही सबसे पहले अंग्रेजों के सामान का बहिष्कार किया था बाद में महात्मा गाँधी ने इसी को असहयोग आन्दोलन का नाम दिया था।
- “हाजी सिद्दीकी साहब“ शुगर व्यापारी थे उन्होंने असहयोग आंदोलन के दौरान अपनी मिलों को असहयोग आंदोलन के समर्थन में पूरी तरह से बंद कर दिया था।
- लाल किले पर पहला तिरंगा ”जनरल शाहनवाज खान” ने फहराया था।
- “सैय्यद शाहनवाज अहमद कादरी“ ने अपनी किताब ”लहु बोलता है” में विस्तार से मुस्लिमों के योगदान के विषय में बताया गया है।
(कपिल बौद्ध)
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